साईं सभी कामों को निर्विघ्न संपन्न कराने वाले गणपति के ही स्वरूप हैं.
साईं बाबा के भीतर भगवती सरस्वती का भी अंश माना गया है.
साईं संपूर्ण सृष्टि की उत्पत्ति, पालन और संहार के अधिष्ठाता देवों यानि ब्रह्मा, विष्णु और महेश का भी अभिन्न अंग हैं.
साईं ही स्वयं गुरु बनकर भवसागर से पार उतारते हैं.
साईं बाबा से जुड़ी एक कहानी है- गेहूं पीसने की कहानी. तो आइए सबसे पहले इस कहानी के बारे में जानते हैं.