जानिए, 60 सालों तक शिरडी में गेहूं क्यों पीसते रहे साईं बाबा
साईं बाबा अपने भक्तों की जीवनशक्ति हैं. उनका नाम लेकर ही भक्त अपने जीवन की हर उलझन सुलझा लेते हैं. कुछ लोग साईं को भगवान कहते हैं तो कुछ अवतार. वहीं कुछ भक्त साईं को फरिश्ता भी मानते हैं. आज हम साईं बाबा के अनोखे चरित्र से जुड़ी कुछ ऐसी दिव्य कथाएं और जानकारियां लाए हैं जो आपकी जिंदगी बदलने की शक्त…
साईं बाबा और उनकी महिमा:
साईं बाबा  को एक चमत्कारी पुरुष, अवतार और भगवान का स्वरुप माना जाता है. - इनको भक्ति परंपरा का प्रतीक माना जाता है. - साईं बाबा का जन्म और उनसे जुड़ी दूसरी चीजें अभी अज्ञात हैं. - इनका मूल स्थान महाराष्ट्र का शिरडी है, जहां पर भक्त इनके स्थान के दर्शन के लिए जाते हैं. - साईं को हर धर्म में मान्यत…
साईं बाबा के ईश्वरीय गुणों की महिमा-
साईं सभी कामों को निर्विघ्न संपन्न कराने वाले गणपति के ही स्वरूप हैं. साईं बाबा के भीतर भगवती सरस्वती का भी अंश माना गया है. साईं संपूर्ण सृष्टि की उत्पत्ति, पालन और संहार के अधिष्ठाता देवों यानि ब्रह्मा, विष्णु और महेश का भी अभिन्न अंग हैं. साईं ही स्वयं गुरु बनकर भवसागर से पार उतारते हैं. साईं बा…
गेहूं पीसने की कथा का अर्थ-
साईं बाबा 60 साल तक शिरडी में रहे और गेहूं पीसने का काम लगभग रोज किया. यहां गेहूं प्रतीक है भक्तों के पाप, दुर्भाग्य, मानसिक और शारीरिक कष्टों का. चक्की के दोनों पाटों में ऊपर भक्ति और नीचे कर्म था. चक्की की मुठिया जिसे पकड़कर गेहूं पीसा जाता था, वो ज्ञान का प्रतीक थी. यानि भक्ति और कर्म के बीच ज्ञ…
गेहूं पीसने की कथा
एक दिन सुबह-सुबह साईं बाबा हाथ से पीसने वाली चक्की से गेहूं पीसने लगे. ये देखकर वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गए लेकिन साईं बाबा से इसका कारण पूछने की हिम्मत किसी में भी नहीं थी. सब सोच रहे थे कि साईं बाबा के ना कोई घर है ना परिवार और इनका गुजारा भी भिक्षा से हो जाता है. फिर साईं गेहूं क्यों पीस रहे …
साईं के ये 11 वचन करते हैं हर समस्या का समाधान
पने भक्तों का सम्मान हैं साईं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सचमुच कौन हैं साईं. कभी सोचा है क्यों लगातार बढ़ती जा रही है इनके भक्तों की कतार. ऐसा क्या है साईं में कि जो भी शिरडी जाता है, साईं का ही होकर रह जाता है. आखिर क्या है साईं नाम की महिमा. आइए जानते हैं साईं बाबा और उनके वचनों की महिमा.